दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से जुड़ी खास बातें...


बॉलीवुड के 'प्रिंस चार्मिंग' कहे जाने वाले शशि कपूर को मुंबई में दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से नवाजा गया. दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड भारतीय सिनेमा में सबसे बड़ा सम्मान माना जाता है. ये सम्‍मान फिल्म उद्योग में अपना विशेष योगदान देने वाली फिल्मी दुनिया से जुड़ी हस्तियों को दिया जाता है.
कौन थे दादा साहब फाल्के
30 अप्रैल 1870 को एक मराठी परिवार में जन्म लेने वाले दादा साहेब फाल्के ने नासिक से पढ़ाई की. दादा साहेब फाल्के का पूरा नाम धुंडिराज गोविंद फाल्के था. उन्होंने सर जेजे स्कूल ऑफ आर्ट, मुंबई में नाटक और फोटोग्राफी की ट्रेनिंग ली. इसके बाद उन्होंने जर्मनी का रुख किया और फिल्म बनाना सीखा. भारत लौटकर उन्होंने अपनी पहली मूक फिल्म राजा हरिश्चन्द्र का निर्माण कर देश को एक नया सपना दिया. उस ख्वाब को हम आज बॉलीवुड के नाम से जानते हैं.
उनके नाम पर भारत सरकार ने 1969 में दादा साहेब फाल्के पुरस्कार की घोषणा की. देश के इस नवयुग निर्माता निर्देशक ने 16 फरवरी 1944 को इस जगत को अलविदा कहा.
अवार्ड से जुड़ी खास बातें-
1. इन अवॉर्ड्स की शुरुआत साल 1969 में हुई थी. दादा साहेब फाल्के को भारतीय सिनेमा का पिता कहा जाता है.
2. इस सम्मान के तहत सम्मानित होने वाले व्यक्ति को एक स्वर्ण कमल मेडल और 10 लाख रुपये दिए जाते हैं.
3. सबसे पहला दादा साहेब फाल्के सम्मान देविका रानी को दिया गया था.
4. इसके बाद पृथ्वीराज कपूर, सुलोचना, दुर्गा खोटे, नौशाद, अशोक कुमार, सत्यजीत रे, वी शांताराम, लता मंगेशकर, भूपेन हजारिका, दिलीप कुमार, मजरूह सुल्तानपुरी, कवि प्रदीप, बीआर चोपड़ा, ऋषिकेश मुखर्जी, आशा भोसले, यश चोपड़ा, देव आनंद, श्याम बेनेगल, मन्ना डे समेत समेत कई हस्तियों को इस सम्मान से नवाजा गया.

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